Friday, December 23, 2022

 गोपेश्वर गौशाला के तत्वाधान में श्री राम कथा का आयोजन


मलिहाबाद। श्री गोपेश्वर गौशाला के तत्वाधान में नव दिवसीय राम कथा का आयोजन श्री राम धर्मशाला में किया जा रहा है। चित्रकूट धाम से पधारे पंडित रामकिंकर युग तुलसी की कृपा पात्र व्यास जीके मिश्र के शिष्य आचार्य राजेंद्र मिश्र ने भक्तों को भरत चरित्र की कथा पर प्रकाश डालते डालते हुए कहा रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भारत की तुलना समुद्र से की है।और उनके हृदय में श्रीराम के प्रति जो प्रेम है वह अमृत समान है। रामचरितमानस में श्री राम जी का चरित्र तो महान है ही और उनसे ज्यादा अगर किसी का चरित्र महान है तो वह है भरत जी। व्यास जी ने लक्ष्मण और भरत के चरित्र की तुलना करते हुए बताया की लक्ष्मण का चरित्र आकाश के समान है जिसमें रात्रि में चंद्र तारे आज सब कुछ दिखता है लेकिन भरत का चरित्र समुद्र के समान है रात्रि कालीन में समुद्र के किनारे खड़े होने पर कुछ भी दिखाई नहीं देता है।राम और भरत संवाद सुन उपस्थित भक्त भावविभोर हो गए। रामकथा में विशेष रुप से उमाकांत गुप्ता प्रदीप गुप्ता विश्वनाथ गुप्ता अभिषेक गुप्ता आशीष गुप्ता शैलेंद्र पांडे रुपेश मिश्र संजय साहू ग्राम प्रधान कसमंडी कला पंकज गुप्ता महिला मंडल अध्यक्ष शिवानी गुप्ता सुनील गुप्ता सहित सैकड़ों भक्त और गोपेश्वर गौशाला परिवार उपस्थित रहा।

Monday, September 20, 2021

कर्नाटक में 800 साल पुराने महादेवम्मा मंदिर को गिराने पर बोम्मई सरकार घिरी, हिंदू संगठन नाराज

भारत डाॅट समाचार टाइम्स

बेंगलुरु

कर्नाटक में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को हिंदू संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कारण- मैसूर के पास एक पुराने मंदिर के विध्वंस और गणेश विसर्जन पर कोविड प्रोटोकॉल के लिए सख्ती बरतना। विरोध को भांपते हुए सरकार ने ‘अवैध मंदिरों’ को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अस्थाई रोक लगा दी है।

राज्य में इस सूची में 1000 से अधिक मंदिर हैं। मुख्ममंत्री बोम्मई ने कहा कि वे अन्य मंदिर को ध्वस्त होने से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हालांकि, गणेश विसर्जन का मुद्दा अभी भी उबल रहा है। चामराजनगर में जिला प्रशासन ने गणेश विसर्जन के लिए जुलूस की अनुमति देने से मना कर दिया, इसके बाद शहर के विद्या गणपति के आयोजकों ने प्रतिमा को विसर्जित नहीं करने का फैसला किया है। दूसरी तरफ, मैसूर जिले में नंजनगुड के पास हुचुगनी आदिशक्ति महादेवम्मा मंदिर को हटाए जाने से लोग ज्यादा गुस्से में हैं। मंदिर का निर्माण 9वीं सदी में चोल वंश के शासन के दौरान हुआ था।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा फैसले के विरोध में खड़े हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि राज्य सरकार को विध्वंस शुरू करने से पहले स्थानीय लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था। 2008 से पहले बने मंदिरों को नियमित करने का प्रावधान है।’ जिला प्रशासन ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया है। वहीं नंजनगुड तहसीलदार मोहन कुमारी ने दावा किया कि लोगों को तोड़फोड़ की सूचना दी गई थी।

हिंदू संगठन विरोध कर रहे, 10 दिन का अल्टीमेटम
हिंदू जागरण वैदिक ने मैसूर जिला प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए राज्यव्यापी आंदोलन की धमकी दी है। श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक कहते हैं कि हिंदुओं को आत्मरक्षा के लिए हथियार रखना होगा। भाजपा हिंदुओं को नीचा दिखाकर खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने की कोशिश कर रही है। यह मंदिर विध्वंस भी खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने के लिए एक व्यवस्थित कदम है। वे कहते हैं कि अवैध चर्च, दरगाह और मस्जिदें विध्वंस की सूची में क्यों नहीं हैं? हिंदू महासभा के सचिव धर्मेंद्र कहते हैं कि मंदिर गिराना पीठ पर छुरा घोंपने जैसा कदम है।

शादीशुदा पुरुष भी सह रहे प्रताड़ना, घरेलू हिंसा के मामलों में 40% शिकायतें पतियों ने की

 भारत डाॅट समाचार टाइम्स

  • सर्वे के मुताबिक ज्यादातर पुरुष सेल्फ रिस्पेक्ट के चलते अपनी पत्नी की शिकायत नहीं कर पाते।
  • हाल ही में हरियाणा के एक शख्स का वजन शादी के बाद कथित तौर पर पत्नी के अत्याचार की वजह से 21 किलो घट गया।
  • दुर्भाग्य से हमारे देश में पति के पास पत्नी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम जैसा कानून नहीं है... यह टिप्पणी कुछ महीने पहले ही मद्रास हाई कोर्ट ने घरेलू हिंसा से जुड़े एक मामले को लेकर दी थी। सवाल उठा कि क्या पुरुष भी घरेलू हिंसा का शिकार हो सकते हैं? हाल ही में इसका उदाहरण भी देखने को मिला। हरियाणा में हिसार के रहने वाले एक शख्स का वजन शादी के बाद कथित तौर पर पत्नी के अत्याचार की वजह से 21 किलो घट गया। इसी के आधार पर उसे हाईकोर्ट से तलाक की मंजूरी मिल गई। ऐसे मामले बढ़े हैं। बहुत से लोगों के लिए ये सोचना भी अविश्वसनीय है कि पुरुषों के साथ हिंसा होती है। वजह ये है कि पुरुषों को हमेशा से मजबूत और ताकतवर माना जाता रहा। लेकिन पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए चलाए जा रहे तमाम परामर्श केंद्रों के आंकड़े इसका प्रमाण हैं कि पुरुष भी महिलाओं के उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। घरेलू हिंसा से संबंधित शिकायतों में करीब 40 फीसद शिकायतें पुरुषों की हैं। इसमें ये बात भी सामने आई है कि महिलाओं को तलाक ही एकमात्र विकल्प सुझता है, वहीं पुरुषों का काउंसलिंग पर जोर होता है। यानी काउंसलिंग या किसी भी तरह से पुरुष रिश्ते को जारी रखना चाहते हैं।
  • क्या महिलाएं पुरुषों को करती है प्रताड़ित?
    साल 2018 में व्हेन वाइफ बीट देयर हसबैंड, नो वन वांट्स टु बिलीव इट नामक शीर्षक से प्रकाशित लेख में कैथी यंग ने कई रिसर्च का जिक्र किया। इससे ये पुष्टि हुई कि वायलेंट रिलेशनशिप में महिलाओं के एग्रेसिव होने की आशंका पुरुषों जितनी ही है।
    क्या कहता है डेटा
    वैसे तो, भारत में ऐसा कोई सरकारी आकंड़ा नहीं मिला, जिससे घरेलू हिंसा में शिकार पुरुषों का पता चल सके। लेकिन पुरुषों के अधिकारों के लिए कार्यरत कुछ संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं। साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन की ओर से टेलीफोनिक सर्वे किया गया। इस दौरान इंदौर की पौरुष संस्था और राष्ट्रीय पुरुष आयोग समन्वय समिति दिल्ली को भी पुरुष हेल्पलाइन पर कई शिकायतें मिली। इसमें पाया गया कि लॉकडाउन के दिनों में पत्नियों द्वारा अपने पतियों को प्रताड़ित करने के मामलों में 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई क्योंकि कई पुरुष काम छोड़कर घर पर बैठने गए, या फिर ऑफिस बंद होने से वर्क फ्रॉम होम करने लगे। ऐसे में वे पत्नियों के रवैये से डिप्रेशन में रहने लगे।

    सेल्फ-रिस्पेक्ट गंवाने के डर से शिकायत नहीं कर पाते
    कई संस्थाओं के सर्वे के मुताबिक ज्यादातर पुरुष सेल्फ रिस्पेक्ट के चलते अपनी पत्नी की शिकायत नहीं कर पाते। अगर कोई हिम्मत कर पुलिस को शिकायत करता भी है, तो अक्सर पुलिस ही उसे धमका देती है। वैवाहिक जीवन में पुरुष किस तरह प्रताड़ित होते है इसका उदाहरण प्रशासनिक व्यवस्था के बड़े ओहदों पर बैठे पुरुषों के मामले में भी देखने को मिला।
    केस- 1
    साल 2018 में कानपुर के पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) के पद पर तैनात रहे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सुरेंद्र कुमार दास की जहरीला पदार्थ खाने के कारण मौत हो गई। जांच में घरेलू कलह के कारण आत्महत्या की बात सामने आई।
    केस- 2
    साल 2017 में बिहार के आइएएस अधिकारी मुकेश कुमार ने पत्नी से विवाद के कारण गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी थी। सुसाइड नोट में लिखा था कि वह अपनी पत्नी और अपने मां-बाप के बीच हो रहे झगड़े से बेहद परेशान थे।
    घरेलू हिंसा से सुरक्षा अधिनियम पुरुष को नहीं देता सुरक्षा?
    नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट की मानें तो महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा आत्महत्या करते हैं। इसकी एक मुख्य वजह परिवार में चल रही कलह और रिश्तों से उपजा डिप्रेशन भी है। वहीं, साल 2019 में 'इंडियन जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन' की रिसर्च के अनुसार हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में 21-49 वर्ष की उम्र के एक हजार विवाहित पुरुषों में से 52.4 फीसद ने जेंडर आधारित हिंसा का अनुभव किया। इन आकड़ों को देख लगता है कि जब संविधान लिंग, जाति और धर्म के आधार पर किसी तरह का फर्क स्वीकार नहीं करता, तो क्यों घरेलू हिंसा से सुरक्षा अधिनियम पुरुष को सुरक्षा नहीं देता? जबकि विकसित देशों में जेंडरलेस कानून वहां के पुरुषों को न केवल महिलाओं की तरह घरेलू हिंसा से प्रोटेक्शन देता है, बल्कि इस बात को भी स्वीकार करता है कि पुरुष भी प्रताड़ित होते हैं।

  • क्या तलाक से डरते हैं पुरुष?
    सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन और माई नेशन संस्था के ऑनलाइन शोध की मानें तो 98 प्रतिशत भारतीय पति तीन साल के रिलेशनशिप में कम से कम एक बार घरेलू हिंसा का सामना कर चुके हैं। दिल्ली हाइकोर्ट में वकील योगेंद्र ने बताया कि भारत में दहेज निरोधक कानून, घरेलू हिंसा अधिनियम, दुष्‍कर्म से संबंधित कानून सहित महिलाओं की सुरक्षा के लिए और भी कई कानूनी प्रावधान अमल में लाए गए हैं। लेकिन पुरुषों के साथ हिंसा के लिए कोई कानून नहीं। एक दशक पहले जहां एक हजार में मुश्किल से एक मैरिड कपल्स तलाक के लिए कोर्ट पहुंचता था, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़ गया है। पुरुषों के कई मामले आते है जो अपने वैवाहिक जीवन से दुखी हैं और तलाक लेने की स्थिति से लगभग रोज गुजरते हैं। जब तलाक का कदम उठाते भी हैं तो उन्हें डर होता है कि कहीं उनका पक्ष सुने बिना ही क्रूर करार न दिया जाए।
    क्या महिलाओं के लिए बने कानूनों का हो रहा दुरुपयोग?
    साल 2018 में उत्तर प्रदेश में दो सांसदों ने ये मांग उठाई कि राष्ट्रीय महिला आयोग की तर्ज पर राष्ट्रीय पुरुष आयोग भी बने। इसे लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। इन्हीं में से एक सांसद का दावा था कि आज ऐसे कई पुरुष झेल में हैं, जो पत्नी प्रताड़ित है। लेकिन कानून के एकतरफा रुख और समाज में बदनामी के डर की वजह से वे घरेलू अत्याचारों के खिलाफ आवाज नहीं उठा रहें। कई तो सुसाइड करने को मजबूर हैं। पुरुष आयोग की मांग का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है। कई तरह से पुरुषों को प्रताड़ित किया जा रहा है। अमेरिका के कानून से प्रेरित होकर धारा 498-ए बनाई गई। लेकिन दहेज प्रताड़ना का ये कानून भी एकतरफा नजर आया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के अनुसार साल 2012 में इस कानून के तहत दर्ज मामलों में 1,97,762 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन मामलों में चार्जशीट यानी आरोप पत्र दाखिल करने की दर 93.6 फीसद है जबकि आरोपियों पर दोष साबित होने की दर महज 15 फीसद। वहीं, बलात्कार से संबंधित धारा 376 के तहत महिला का आरोप लगाने से ही आरोपी की गिरफ्तारी हो जाती है। अप्रैल 2013 से जुलाई 2014 के बीच दिल्ली में रेप के कुल 2,753 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 1,464 मामले झूठे थे।

  • एंटी-मेल सोच बदलने को संस्थाएं कर रही काम
    भारत में पहले पुरुषों के अधिकारों को लेकर कम ही आवाज उठती थी, लेकिन अब विभिन्न राज्यों में मेन्स राइट्स ऐक्टिविस्ट बैठक करने लगे हैं। यहां तक कि कई बार वे सड़कों पर उतरकर अपने हकों की बात भी करते हैं। मेन वेलफेयर ट्रस्ट के मेंबर सौरभ सिंह ने बताया कि हमारे देश में महिलाओं के मुकाबले शादीशुदा पुरुष ज्यादा सुसाइड कर रहे हैं। इससे उनके डिस्ट्रेस लेवल का पता चलता है। देश के अलग अलग राज्यों में काम कर रहीं हमारी संस्था को हर महीने 4 से 5 हजार पुरुषों की शिकायतें मिलती है। इसमें रिक्शा वाले से लेकर आईएएस ऑफिसर तक के लोग शामिल हैं। अधिकतर फाल्स रेप केस, मोलेस्टेशन, अननेचुरल सेक्स, झुठे मैरिज रेप के आरोपों से जुड़ी शिकायतों को लेकर फोन करते है।पुरुषों को जागरूक किया जाता है कि वे अपने हक की आवाज उठाएं। पुरुष हेल्पलाइन नंबर 8882-498-498 भी जारी किया गया है। इसके जरिये कोई भी पीड़ित पुरुष कभी भी फोन कर मदद मांग सकता है।

महिलाओं के लिए मातम से कम नहीं अजन्मे बच्चे को खोना

भारत डाॅट समाचार टाइम्स

मैं अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए बहुत उत्साहित थी। शादी के पांच साल बाद ये मेरी पहली प्रेग्नेंसी थी। बच्चे का नाम भी सोच लिया था। घर पर अकेले बैठे घंटों उससे बातें करती। एक दिन अचानक शरीर के निचले हिस्से में दर्द होने लगा। मुझे महसूस हुआ कि ब्लीडिंग की वजह से मैं पूरी तरह भीग गई हूं। पति के साथ अस्पताल गई। वहां पहुंचकर पता चला कि जिस बच्चे के जन्म के सपने देख रही थी, वो अब इस दुनिया में नहीं रहा। ये किस्सा है दिल्ली की रेखा की जिंदगी का। उनकी आवाज में अपने अजन्मे बच्चे को खोने का दर्द साफ झलकता है। ये दर्द सिर्फ एक महिला का नहीं है बल्कि 31 शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम के सर्वे की मानें तो दुनिया भर में हर साल करीब 23 मिलियन मिसकैरेज होते हैं। इनमें 50 में से एक महिला जीवन में दो बार मिसकैरेज का अनुभव करती है, जबकि एक प्रतिशत महिलाएं तीन या इससे अधिक बार। ये स्थिति मानसिक रूप से हिला देने वाली होती है। इससे न सिर्फ महिला, बल्कि उसके पार्टनर पर भी असर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार मिसकैरेज की सटीक वजह के बारे में तो नहीं बताया जा सकता, लेकिन कुछ खास मेडिकल कंडीशन के दौरान महिला को अलर्ट रहने की जरूरत होती है।

क्या है मिसकैरेज?
जब प्रेग्‍नेंसी के 20वें सप्‍ताह से पहले ही भ्रूण नष्‍ट हो जाए तो इस स्थिति को मिसकैरेज कहा जाता है। ज्यादातर मामलों में प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही में मिसकैरेज होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में कम से कम 30% प्रेग्नेंसी मिसकैरेज की वजह से खत्म हो जाती हैं। शोध पत्रिका 'लांसेट प्लानेटरी हेल्थ' के एक अध्ययन में पाया गया कि महिलाओं में बढ़ते एयर पॉल्यूशन के कारण मिसकैरेज का खतरा सात फीसद तक बढ़ जाता है, जोकि भारत और पाकिस्तान में ज्यादा है।
मिसकैरेज के लक्षण

  • ब्लीडिंग
  • स्पॉटिंग
  • पेट और कमर में दर्द
  • खून के साथ टिश्यू निकलना

बता दें, प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग या स्पॉटिंग के बाद मिसकैरेज होना जरुरी नहीं है। लेकिन ऐसा होने के बाद सतर्क रहने की जरूरत है।

मिसकैरेज की वजह
थायरॉयड- प्रेग्नेंसी में थायरॉयड होने पर बहुत सतर्क रहने की जरूरत होती है, क्योंकि ये कई बार मिसकैरेज की वजह बन जाता है।
डायबिटीज - इस दौरान तमाम महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज हो जाती है। ऐसे में समय समय पर डॉक्टर से जांच कराना जरुरी है।
फाइब्रॉयड्स- यूटरिन फाइब्रॉयड, इम्यून डिसऑर्डर भी कई बार मिसकैरेज का कारण बन जाते हैं।
क्रोमोसोमल असामान्यता और हार्मोनल असंतुलन- भ्रूण को गलत संख्‍या में क्रोमोजोम मिलने के कारण भी मिसकैरेज के चांस बढ़ जाते हैं। वहीं, समय रहते हार्मोनल असंतुलन की स्थिति को दवाओं से कंट्रोल किया जा सकता है।
मिसकैरेज से रिलेशनशिप पर असर
शोध की मानें तो मिसकैरेज के बाद कपल्स के रिश्ते पर असर पड़ सकता है। ये उनके अलग होने की वजह भी बन सकता है और करीब भी ला सकता है। ये सब इस बात पर डिपेंड करता है कि वे कैसे एक-दूसरे को संभालते हैं। साइकॉलोजिस्ट डॉ. नेहा गर्ग बताती हैं कि किसी महिला को अचानक जब पता चले कि उनके गर्भ में पल रहा बच्चा दुनिया में आने से पहले ही चल बसा तो इस दुख को बर्दाश्त करना बेहद मुश्किल होता है। इसे लेकर कई महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण तीन साल तक दिखाई देते हैं। ऐसे में इस डिप्रेशन से बाहर निकलना बहुत जरूरी है। अगर आप और आपके पार्टनर की मिसकैरेज पर अलग-अलग सोच है, तो आप अपने रिश्ते में अकेला महसूस कर सकते हैं। यहां तक​ कि ये सोचने लग जाते हैं कि क्या आपको एक साथ होना चाहिए। ऐसे में ये जरुर याद रखें कि मिसकैरेज किसी भी महिला के साथ हो सकता है। एक दूसरे को समझना जरुरी है।

मिसकैरेज के बाद कपल्स रिश्ते को ऐसे संभालें

  • अपनी फीलिंग शेयर करें- मिसकैरेज के बाद कपल्स के अनुभवों को लेकर अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं के पार्टनर फीलिंग और अनुभवों को एक दूसरे से साझा करते हैं वे पर्सनली और फिजिकली उनके करीब महसूस करती हैं। दुख बांटने के अनुभव उन्हें ज्यादा पास ले आते हैं।
  • एक दूसरे का सहारा बनें- अगर आपको लगता है कि आपका पार्टनर पूरी तरह से ठीक है तो इसका मतलब ये न समझें कि उसे दुख नहीं है। हमेशा एक-दूसरे को सपोर्ट करें।
  • मिसकैरेज होना किसी की गलती नहीं है। एक-दूसरे पर दोष डालने से कपल्स के बीच केवल दरार पैदा होती है इसलिए दोष देने से बचें।
  • ऐसे कपल्स से बात करें, जो मिसकैरेज का दर्द झेल चुके हैं। अगर फिर भी डिप्रेशन महसूस करते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें सकते हैं।

महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान

  • मिसकैरेज के बाद शरीर में खून की कमी हो जाती है, इसलिए आयरन और विटामिन युक्त फलों और सब्जियों का सेवन जरूरी है।
  • कम से कम दो सप्ताह तक आराम करें।
  • भोजन में दाल, दूध और पनीर जैसी प्रोटीन और कैल्शियम वाली चीजों की मात्रा बढ़ा दें।
  • प्रेग्नेंसी के बारे में पढ़ें। डॉक्टरों और पहले मां बन चुकी महिलाओं से बात करें।

मिसकैरेज के बाद कब हो दूसरी प्रेग्नेंसी
मिसकैरेज और दूसरी प्रेग्नेंसी में कम से कम तीन या चार महीने का अंतर रखने की सलाह दी जाती है। इससे पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर कपल्स दोनों में से किसी एक को भी एल्कोहॉल या स्मोकिंग की आदत है तो इससे दूर रहें। इससे मिसकैरेज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कंसीव करने से पहले आरएच फैक्टर, ब्लड शुगर, थायरॉयड, हेपेटाइटिस की जांच करवा लें। जंक फूड से दूर रहें। प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनी प्रेग्नेंसी को स्वस्थ और खुशनुमा बनाएं।
ये बॉलीवुड एक्ट्रेसेस झेल चुकी हैं मिसकैरेज का दर्द

  • शिल्पा शेट्टी​​​
  • काजोल
  • कश्मीरा शाह
  • सायरा बानो
  • गौरी खान
  • रश्मि देसाई​​​​

एक्टिव गर्ल्स की पर्सनल ब्यूटी गाइड

भारत डाॅट समाचार टाइम्स

एक्टिव गर्ल्स की पर्सनल ब्यूटी गाइड

आप जिम जाती हैं? वेटलिफ्ट, स्विमिंग, रनिंग या फिर जॉगिंग जैसा वर्कआउट करती हैं? फिजिकल फिटनेस का खयाल रखती हैं?

वर्कआउट करने पर सनबर्न, टैनिंग, बेजान बाल, ऑयली, रूखी स्किन की रेडनेस या स्कैल्प में इचिंग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। हमने बात की एक्सपर्ट्स से और जाना की एक्टिव वुमेन, आमतौर पर ऐसी किन और परेशानियों का सामना करती हैं साथ ही किस तरह इनसे आसानी से निपटा जा सकता है।

बॉडी ब्रेकआउट

पीठ, हिप्स या सीने पर होने वाले एक्ने ऐसी समस्या है जो स्किन की सही सफाई नहीं करने और औरतों में होने वाले तमाम हार्मोनल बदलाव के कारण होती है। यह एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है जिससे बचने के लिए बॉडी को साफ़ सुथरा रखना चाहिए। नहाने से पहले सरसों के तेल की मालिश और नहाते हुए स्क्रब का इस्तेमाल, आपको इस समस्या से दूर रखेगा।

ब्रूज्ड टोनेल-

क्या आपके पैरों के अंगूठे के नाखून में इनग्रोथ है यानी नाखून स्किन के अन्दर घुस कर चुभता और दर्द करता है? यह ब्रूज्ड टोनेल या जॉगर्स टो है, जो एक आम समस्या है।

ब्यूटी एक्सपर्ट सुवर्णा त्रिपाठी बताती हैं कि इसके कारण रनिंग या जॉगिंग के दौरान जूते पहनने पर नाखून आपके पैर के आसपास की स्किन में घुस जाते हैं। आपको भी यह परेशानी है तो ध्यान रखिए कि आपके पैर के नाखून हमेशा छोटे हों। ऐसी दिक्कत आए तो आप पैडीक्योर की दो से तीन सिटिंग लेकर आसानी से इससे निजात पा सकते हैं।

ऑयली या ड्राई स्कैल्प और हेयर फॉल

फिजिकल एक्टिवीज करते हुए बालों को पोनी टेल में बाँध कर रखा जाता है। जिसके कारण स्कैल्प पर पसीना काफी देर तक रह जाता है। स्वेटिंग के कारण स्कैल्प में ड्राईनेस या इचिंग जैसी दिक्कतें आती हैं जिनसे आपके बालों को नुकसान पहुंचता है। इससे बचने के लिए आप जब भी फिजीकल एक्टिविटी करके लौटें तो गुनगुने पानी से शॉवर ज़रूर लें। नहाने से पहले बालों में की गई ऑयलिंग स्कैल्प और बालों को ड्राई नहीं होने देती। अपना शैम्पू चुनते हुए ध्यान रखें कि उसमें सल्फेट या पैराफिन जैसे कैमिकल ना हों। फिर भी अगर यह समस्या आ रही है तो आप हेयरफौल ट्रीटमेंट की पावर डोज ले सकती है जो इस समस्या का कारगर उपाय है।

एथलीट फुट

नाम से कहीं आपने इसे किसी एथलीट का फुट तो नहीं समझ लिया? दरअसल स्किन पर होने वाली रैशेज़, रेडनेस, खुजली और जलन की दिक्कतों को एथलीट फुट के नाम से जाना जाता है।

ब्यूटी एक्सपर्ट पूनम झा बताती हैं कि यह परेशानी वर्कआउट करने वाली महिलाओं में होने की सबसे बड़ी वजह है स्वेटिंग के बाद बॉडी को सलीके से साफ नहीं किया जाना आमतौर पर लोग या तो पसीना सुखा लेते हैं या पसीना पोंछ कर कपड़े बदल लेते हैं। इससे बचने का आसान तरीका है कि एक्सरसाइज़ के बाद आप गुनगुने पानी से जरूर नहाएं। बॉडी के जिन हिस्सों पर स्वेटिंग होती है उनपर पाउडर लगाएं और सोने से पहले उसे साफ जरूर करें। अगर यह दिक्कत बनी रहे तो उस जगह पर हर्बल क्रीम या प्योर नारियल का तेल लगा कर रखें ताकि उस जगह की नमी ख़त्म होने के कारण वहां खुजली न हो।

नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक की लहर

भारत डाॅट समाचार टाइम्स

लखनऊ।

प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार यानी आज संदिग्ध हालात में निधन हो गया। महंत के निधन की खबर मिलते ही मठ पर बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। उधर, राजनीतिक दलों में भी शोक की लहर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत विभिन्न राजनीतिक दलों और संत-महात्माओं ने इस दुखद घटना पर शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

PM ने कहा- श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!

आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!'

नरेंद्र गिरि जी का निधन अपूरणीय क्षति : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरी जी का निधन अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। भावभीनी श्रद्धांजलि।

स्तब्ध हूं, निशब्द हूं आहत हूं : केशव मौर्य
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि पूज्य महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज ने खुदकुशी की होगी। स्तब्ध हूं, निशब्द हूं आहत हूं। मैं बचपन से उन्हें जानता था, साहस की प्रतिमूर्ति थे। मैंने कल ही सुबह 19 सितंबर को आशीर्वाद प्राप्त किया था। उस समय वह बहुत सामान्य थे बहुत ही दुखद असहनीय समाचार है!

पूज्य महाराज जी ने देश धर्म संस्कृति के लिए जो योगदान दिया है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भगवान से प्रार्थना है कि सभी भक्तों व शिष्यों को दुख सहने की शक्ति दें। भगवान पुण्यात्मा को चरणों में स्थान दें।

शिवराज चौहान ने कहा- योगदान हमेशा याद किया जाएगा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य संत महंत नरेंद्र गिरी जी महाराज के देवलोक गमन की दुखद सूचना मिली। सनातन धर्म के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूज्य स्वामीजी द्वारा समाज के कल्याण में दिए योगदान को सदैव याद किया जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।

ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे: बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत श्री नरेंद्र गिरी जी महाराज के देवलोक गमन की सूचना सुनकर मन स्तब्ध है। उनका निधन धार्मिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति..


Sunday, September 12, 2021

राधा तुम कभी रुक्मणि न बन पाओगी - सीमा मोटवानी

रचनाकार - सीमा मोटवानी फैज़ाबाद

राधा तुम कभी रुक्मणि न बन पाओगी,,

प्रेयसी तो हो जाओगी पर पत्नी न कहलाओगी...!!


प्रेम नाम तुमने ख़ुद साथ ही छल किया,,

कृष्ण संग चल, जग भय तज दिया,,

कृष्ण बांसुरी हो जाओगी,, पर संग न रह पाओगी,,

राधा तुम रुक्मिणी न बन पाओगी..!!


राधे-कृष्ण से जग सदा बुलाता रहे तो क्या,,!!

प्रेम प्रतिमाएं तुम्हारी लगाता रहे तो क्या,,!!

कृष्ण सिंदूर से कभी अपनी मांग न सज पाओगी,,!!

राधा तुम कभी रुक्मिणी न बन पाओगी,,!!


पुरूष प्रेम तो अस्थिर है युगों से,,

तुम्हारे बन्धन मर्यादित है तभी से,,

कृष्ण चाह मीरा भांति तुम विष भी न पी पाओगी..!!

राधा तुम अमर तो हो जाओगी,,

पर रुक्मिणी न बन पाओगी,,तुम रुक्मिणी न बन पाओगी.....!!