भारत डाॅट समाचार टाइम्स
बेंगलुरु
कर्नाटक में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को हिंदू संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कारण- मैसूर के पास एक पुराने मंदिर के विध्वंस और गणेश विसर्जन पर कोविड प्रोटोकॉल के लिए सख्ती बरतना। विरोध को भांपते हुए सरकार ने ‘अवैध मंदिरों’ को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अस्थाई रोक लगा दी है।राज्य में इस सूची में 1000 से अधिक मंदिर हैं। मुख्ममंत्री बोम्मई ने कहा कि वे अन्य मंदिर को ध्वस्त होने से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हालांकि, गणेश विसर्जन का मुद्दा अभी भी उबल रहा है। चामराजनगर में जिला प्रशासन ने गणेश विसर्जन के लिए जुलूस की अनुमति देने से मना कर दिया, इसके बाद शहर के विद्या गणपति के आयोजकों ने प्रतिमा को विसर्जित नहीं करने का फैसला किया है। दूसरी तरफ, मैसूर जिले में नंजनगुड के पास हुचुगनी आदिशक्ति महादेवम्मा मंदिर को हटाए जाने से लोग ज्यादा गुस्से में हैं। मंदिर का निर्माण 9वीं सदी में चोल वंश के शासन के दौरान हुआ था।
मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा फैसले के विरोध में खड़े हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि राज्य सरकार को विध्वंस शुरू करने से पहले स्थानीय लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था। 2008 से पहले बने मंदिरों को नियमित करने का प्रावधान है।’ जिला प्रशासन ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया है। वहीं नंजनगुड तहसीलदार मोहन कुमारी ने दावा किया कि लोगों को तोड़फोड़ की सूचना दी गई थी।
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